5- दोहद-इंदौर व्हाया सरदारपुर, झाबुआ और धार, अमझेरा नई रेल लाइन(200 किमी) लागत 100 करोड़ रुपए
6- छोटा उदयपुर-धार(157किमी), 200 करोड़ रुपए
7- रतलाम-महू-खंडवा-अकोला गेज कन्वर्जन(472 किमी) लागात 100 करोड़ रुपए
8- लेवल क्रांसिंग(एलसी) नंबर 267 की जगह रतलाम-खंडवा सब वे
9- बरलाई-देवास एलसी नंबर 30 के स्थान पर रेलवे ओवरब्रिज
10- बरलाई-मांगलियागांव एलसी 05 की जगह रेलवे ओवरब्रिज
11- रतलाम-खंडवा प्रोजेक्ट, राजेंद्र नगर यार्ड में एलसी नंबर 254-एक्स की जगह आरओबी
12- रतलाम-खंडवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत एलसी नंबर 263 एवं 267 के स्थान पर सब वे
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1. मुंबई को और करीब लाएगी मनमाड़ लाइन
* इंदौर (महू)-मनमाड़ लाइन करीब 339 किमी लंबी है और इसकी अनुमानित लागत तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है।
* यह रेल लाइन महू से सेंधवा, शिरपुर, धुलिया होते हुए मनमाड़ पहुंचेगी।
* अभी वाया वडोदरा-सूरत होते हुए इंदौर-मुंबई की दूरी 829 किमी है, जो घटकर 560 किमी हो जाएगी।
* पीथमपुर निर्यात के लिए सीधा बंदरगाह से जुड़ जाएगा।
* उत्तर-दक्षिण भारत की दूरी घटेगी और राष्ट्रीय स्तर पर वैकल्पिक गलियारा मिलेगा।
* इंदौर-पुणे के बीच मनमाड़-दौंड होते हुए सीधा संपर्क स्थापित होगा।
* इंदौर का रेल संपर्क शिर्डी-पंढरपुर से हो सकेगा।
2. इंदौर-देवास के बीच पहले होगा दोहरीकरण
* अभी 79 किमी लंबी इंदौर-देवास-उज्जैन लाइन पर 35 से ज्यादा दैनिक, साप्ताहिक, द्विसाप्ताहिक या सप्ताह में तीन, चार और पांच दिन चलने वाली ट्रेन का दबाव है।
* ट्रेनों की अत्यधिक संख्या के कारण अप-डाउन ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ता है। इससे यात्रियों का बहुमूल्य समय जाया होता है।
* रेलवे ने तय किया है कि सबसे पहले इंदौर-देवास लाइन का दोहरीकरण किया जाए, क्योंकि देवास-मक्सी लाइन के कारण देवास-इंदौर के बीच यात्री ट्रेनों का दबाव ज्यादा है।
* रेलवे 460 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में दोहरी लाइन के साथ विद्युतीकरण भी करेगा।
3. फतेहाबाद-उज्जैन ब्रॉड गेज से 17 किमी घटेगी उज्जैन की दूरी
* फतेहाबाद-उज्जैन के बीच वर्तमान में 22 किमी मीटर गेज बिछी है। कायदे से इसी टुकड़े को रतलाम-इंदौर ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट के साथ-साथ ही बड़ी लाइन में बदला जाना था लेकिन रेलवे ने इसे प्रोजेक्ट से हटा दिया था।
* इस हिस्से में बड़ी लाइन बिछाने पर 105 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च होगी।
* बीच में रेलवे ने इसमें राज्य सरकार से 50 फीसदी लागत भागीदारी करने को कह दिया था। हालांकि अभी इसे लेकर अंतिम फैसला होना बाकी है।
* अभी उज्जैन होते हुए भोपाल या ग्वालियर तरफ आने-जाने वाली ट्रेनों के इंजन की दिशा उज्जैन में बदलना पड़ती है। फतेहाबाद-उज्जैन लाइन यह झंझट खत्म कर देगी और यात्रियों का समय बचेगा।
* इंदौर-उज्जैन के बीच देवास होते हुए दूरी 79 किमी है जो फतेहाबाद लाइन बनने के बाद घटकर 62 किमी रह जाएगी। इंदौर-उज्जैन के बीच अतिरिक्त गाड़ियां चलाई जा सकेंगी।