किसान आंदोलन के दौरान सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं का शेयर किया जाना लगातार जारी है. इसी बीच फे़सबुक पर एक तस्वीर खूब वायरल है जिसमें एक सिख शख्स ने ‘वी वॅान्ट खालिस्तान (WE WANT KHALISTAN)’ का पोस्टर पकड़ा हुआ है. लोगों ने अलग-अलग कैप्शन देते हुए इसे किसान आंदोलनों से जोड़ा और प्रदर्शन में खालिस्तान की घुसपैठ होने का दावा किया.
फे़सबुक यूज़र रंजना जैन ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “इन्हे कृषि कानून नहीं खालिस्तान चाहिए पुरे देश के किसानों को शर्मसार कर रहे हैं.”
इन्हे कृषि कानून नहीं खालिस्तान चाहिए
पुरे देश के किसानों को शर्मसार कर रहे हैंPosted by Ranjana Jain on Thursday, December 3, 2020
नीचे तस्वीर को देख कर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ये कितनी ज़्यादा वायरल है.
कुछ ट्विटर यूज़र्स ने भी ये तस्वीर किसान आन्दोलन की बताते हुए शेयर की. (पहला पोस्ट, दूसरा पोस्ट)
Do you saw any farmers in this protest ?
They all are Khalistans,
They all are chanting we want Khalistan 😡
That’s why #BoycottKhalistan pic.twitter.com/HLxEbqLTUH— अंकिता सिंह (@indiaAnkita) November 30, 2020
ग़लत दावा: पुरानी तस्वीर
हमने जब इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया तो कई आर्टिकल्स मिले जहां इसका इस्तेमाल हुआ है. कुछ आर्टिकल्स में इस तस्वीर का क्रेडिट AFP को दिया गया था तो कुछ में गेटी इमेजेज़ को दिया गया था. गेटी पर हमने जब हमने सर्च किया तो हमें यही तस्वीर और इसके बारे में अन्य जानकारी मिली. गेटी ने तस्वीर का क्रेडिट AFP को दिया हुआ है. ये तस्वीर AFP के स्ट्रिंगर नरिंदर नानू ने ली है.
गेटी इमेजेज़ पर इस तस्वीर के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि 6 जून 2013 को अमृतर के स्वर्ण मंदिर में श्री अकाल तख्त पर प्रार्थनाओं के बाद उग्रवादी सिख संगठनों से जुड़े कई लोग जरनैल सिंह भिंडरांवाले और खालिस्तान के सपोर्ट में तख्तियां लिए खड़े थे. ये ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार की 29वीं बरसी थी. ट्रिब्यून इंडिया ने भी इस घटना के बारे में रिपोर्ट किया था.
यानी, करीब 7 साल पुरानी तस्वीर, जिसमें सिखों का एक गुट खालिस्तान के सपोर्ट में खड़ा दिख रहा है, उसे अभी शेयर करते हुए किसान आन्दोलन से से जोड़ा जा रहा है.